UP: महाकुंभ मेले में आतंकियों की पहचान करेंगे स्पॉटर्स… पांच राज्यों से बुलाए गए; एटीएस और एनएसजी भी तैनात

UP: महाकुंभ मेले में आतंकियों की पहचान करेंगे स्पॉटर्स… पांच राज्यों से बुलाए गए; एटीएस और एनएसजी भी तैनात

महाकुंभ मेला 2025 में सुरक्षा को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस ने कड़ी तैयारी की है। आतंकवादियों की पहचान और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए स्पॉटर्स (Spotters) तैनात किए गए हैं। स्पॉटर्स खासतौर पर ऐसे प्रशिक्षित अधिकारी होते हैं, जो संदिग्ध गतिविधियों को पहचानने और आतंकी या

अन्य खतरों से संबंधित लोगों को चिन्हित करने में सक्षम होते हैं।

सुरक्षा बलों की तैनाती:

  • पांच राज्यों से विशेषज्ञ बुलाए गए हैं: इन राज्यों से सुरक्षा बलों को बुलाया गया है, ताकि हर स्थिति का सामना किया जा सके।
  • एटीएस (ATS) और एनएसजी (NSG): उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) को भी महाकुंभ मेले में तैनात किया जाएगा। ये दोनों एजेंसियां आतंकवाद से संबंधित खतरों से निपटने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित हैं।

महाकुंभ मेला, जो हर बार लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है, एक बड़ा जनसमूह होता है, जिसके कारण सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह बेहद संवेदनशील होता है। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई स्तरों पर चाक-चौबंद प्रबंध किए गए हैं, ताकि किसी भी तरह की आतंकी गतिविधि को न होने दिया जा सके और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

क्या भूमिका निभाएंगे स्पॉटर्स?

स्पॉटर्स की जिम्मेदारी संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखना, अपराधियों या आतंकवादियों की पहचान करना और उन्हें तुरंत सुरक्षा बलों तक पहुंचाना होगा। वे भीड़ के बीच गुप्त रूप से काम करेंगे और सुरक्षा व्यवस्था के अन्य पहलुओं के साथ समन्वय बनाए रखेंगे।

यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी निगरानी रखी जाएगी कि महाकुंभ मेला शांति और सुरक्षा के साथ संपन्न हो सके

महाकुंभ मेले में आतंकियों की पहचान करेंगे स्पॉटर्स, पांच राज्यों से बुलाए गए; एटीएस और एनएसजी भी तैनात

उत्तर प्रदेश में आयोजित होने वाला महाकुंभ मेला न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह एक विशाल और ऐतिहासिक अवसर है, जहाँ लाखों श्रद्धालु एकत्र होते हैं। इस मेले में हर साल लाखों लोग स्नान करने और पूजा-अर्चना करने आते हैं। हालांकि, यह विशाल जनसमूह आतंकवादी गतिविधियों और अन्य सुरक्षा खतरों के लिए भी एक संभावित लक्ष्य बन सकता है। इस कारण, राज्य और केंद्र सरकार दोनों मिलकर इस मेले की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

इस बार महाकुंभ मेला 2025 के आयोजन में उत्तर प्रदेश पुलिस ने सुरक्षा को लेकर विशेष तैयारी की है। आतंकवादी हमलों और अन्य संभावित खतरों से निपटने के लिए एटीएस (उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता), एनएसजी (राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड) और स्पॉटर्स की टीमों को तैनात किया गया है। विशेष रूप से, स्पॉटर्स उन सुरक्षा कर्मियों का एक समूह होते हैं, जिन्हें संदिग्ध गतिविधियों की पहचान करने और आतंकवादी या अन्य खतरे से संबंधित व्यक्तियों की पहचान करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। यह एक अनूठा कदम है, जो इस बार महाकुंभ मेला की सुरक्षा व्यवस्था को और भी मजबूत बनाएगा।

महाकुंभ मेला और उसकी सुरक्षा चुनौती

महाकुंभ मेला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला है, जिसमें हर वर्ष करोड़ों श्रद्धालु आते हैं। यह मेला मुख्य रूप से चार स्थानों पर आयोजित होता है — इलाहाबाद (प्रयागराज), हरिद्वार, उज्जैन और Nashik में। प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेला 2025 में सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण मेला होगा, जिसमें भारतीय और विदेशी श्रद्धालुओं के अलावा सुरक्षा बलों की भी बड़ी संख्या मौजूद रहेगी।

इस मेले की विशालता और इसके आयोजन की प्रकृति सुरक्षा के लिहाज से एक बड़ी चुनौती पेश करती है। एक ओर जहां लाखों श्रद्धालु स्नान करने और पूजा करने के लिए आते हैं, वहीं दूसरी ओर यह संभावित आतंकवादी गतिविधियों और बड़े पैमाने पर उग्र हिंसा के लिए भी उपयुक्त स्थल बन सकता है। आतंकवादी हमले और आतंकी गतिविधियों को लेकर खुफिया विभाग द्वारा कई बार चेतावनियाँ दी गई हैं। इसके साथ ही, सोशल मीडिया पर भी आतंकवादियों द्वारा मेला क्षेत्र में संभावित हमलों को लेकर धमकी भरे संदेश जारी किए गए हैं।

महाकुंभ मेला क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। इनमें से कुछ प्रमुख कदम हैं:

  1. सुरक्षा बलों का तैनाती: एटीएस और एनएसजी जैसी विशेष सुरक्षा एजेंसियों को मेला क्षेत्र में तैनात किया जाएगा।
  2. सुरक्षा कर्मियों की संख्या में वृद्धि: सुरक्षा कर्मियों की तादाद को बढ़ाकर खतरे की संभावना को कम किया जाएगा।
  3. स्मार्ट निगरानी सिस्टम: ड्रोन और अन्य हाई-टेक निगरानी उपकरणों का इस्तेमाल किया जाएगा ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को तत्काल पकड़ा जा सके।

स्पॉटर्स की भूमिका और महत्व

स्पॉटर्स को तैनात करना सुरक्षा व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। स्पॉटर्स वे व्यक्ति होते हैं, जिन्हें विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाता है ताकि वे किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि को पहचान सकें और तुरंत संबंधित अधिकारियों को सूचित कर सकें। स्पॉटर्स का मुख्य उद्देश्य मेले के भीड़-भाड़ वाले इलाके में घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों या खतरनाक तत्वों की पहचान करना है।

स्पॉटर्स का काम केवल शारीरिक निगरानी तक सीमित नहीं होता। उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से भी तैयार किया जाता है ताकि वे जल्द से जल्द और बिना किसी भ्रम के संदिग्ध गतिविधियों का आकलन कर सकें। वे व्यक्तिगत रूप से न केवल सामान्य सुरक्षा बलों की मदद करते हैं, बल्कि वे सुरक्षाकर्मियों के साथ समन्वय बनाए रखते हुए भीड़ में छिपे खतरों का पता लगाते हैं।

स्पॉटर्स के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मेले के भीतर कोई भी व्यक्ति संदिग्ध गतिविधि नहीं कर रहा है और किसी भी आतंकी समूह के सदस्य को किसी भी प्रकार से कार्यक्रम स्थल पर घुसने का अवसर नहीं मिलेगा। यह व्यवस्था विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि महाकुंभ में एक दिन में लाखों लोग एकत्र होते हैं, जिससे किसी भी संदिग्ध गतिविधि को पकड़ना बहुत मुश्किल हो सकता है।

पाँच राज्यों से स्पॉटर्स की तैनाती

महाकुंभ मेला के आयोजन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने पाँच राज्यों से स्पॉटर्स बुलाए हैं। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली शामिल हैं। इन राज्यों से बुलाए गए स्पॉटर्स अपनी विशेषज्ञता और अनुभव के आधार पर मेला स्थल पर तैनात किए जाएंगे।

इन राज्यों से स्पॉटर्स को तैनात करने का उद्देश्य यह है कि हर राज्य के स्पॉटर्स का अपने-अपने इलाके की सुरक्षा और खतरों को पहचानने का विशेष अनुभव होता है। इससे उन्हें संदिग्ध गतिविधियों को पहचानने में अधिक आसानी होगी, और वे बिना समय गंवाए खतरों को नियंत्रित कर सकेंगे।

एटीएस और एनएसजी की तैनाती

महाकुंभ मेला 2025 के दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस के अलावा अन्य केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियाँ भी अपनी तैनाती में लगी रहेंगी। इनमें प्रमुख रूप से उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) शामिल हैं।

एटीएस (ATS): उत्तर प्रदेश की आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) आतंकवादी गतिविधियों और खतरों से निपटने में माहिर है। एटीएस को विशेष रूप से ऐसी घटनाओं के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, जो आतंकवाद से संबंधित होती हैं। यह दस्ता राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत आतंकवादियों को पकड़ने और उनके नापाक इरादों को नाकाम करने के लिए काम करता है।

एनएसजी (NSG): एनएसजी का मुख्य कार्य आतंकवादी हमलों के खिलाफ निपटना और आतंकी हमलों की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया देना होता है। यह बल विशेष रूप से ऑपरेशन की योजना बनाने, आतंकवादी गिरफ्तार करने और अन्य खतरों से निपटने के लिए प्रशिक्षित होता है। महाकुंभ मेले में एनएसजी के विशेषज्ञों को तैनात किया जाएगा, ताकि किसी भी आतंकवादी हमले की स्थिति में तत्काल कार्रवाई की जा सके।

अन्य सुरक्षा उपाय

सुरक्षा की अन्य प्रमुख व्यवस्थाओं में निगरानी कैमरे, विशेष वाहन, और बम निरोधक दस्ते की तैनाती शामिल है। मेला क्षेत्र में निगरानी के लिए ड्रोन, CCTV कैमरे और बायोमेट्रिक स्कैनिंग जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा, श्रद्धालुओं के प्रवेश और बाहर जाने के रास्तों पर कड़ी जांच व्यवस्था भी लागू की जाएगी।

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